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06 April, 2017

पतझड़ में भीग रही लड़की ....

Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh

(मेरे ग़ज़ल संग्रह 'पतझर में भीग रही लड़की’ से )
पतझड़  में  भीग रही लड़की।
मौसम  को  जीत रही लड़की।

रहते दिन  कभी  नहीं एक से
अनुभव  से  सीख रही लड़की।

शिखरों तक जा पहुंची आज तो
कल तक जो  दीन रही लड़की।

पढ़ती  है  धूप  की   क़िताबें
रातों  की  मीत  रही  लड़की।

मुट्ठी  में  होगी  कल दुनिया
सपनों  को  बीन  रही लड़की।

मांगे  से   मिले  कब  उजाले
अपना  हक़  छीन  रही लड़की।

चाहत का  द्वार ‘शरद’, देख लो
आशा  से  लीप   रही लड़की।

   - डॉ शरद सिंह
 
#Shayari #SharadSingh

5 comments:

  1. आपकी रचना बहुत सुन्दर है। हम चाहते हैं की आपकी इस पोस्ट को ओर भी लोग पढे । इसलिए आपकी पोस्ट को "पाँच लिंको का आनंद पर लिंक कर रहे है आप भी कल रविवार 9 अप्रैल 2017 को ब्लाग पर जरूर पधारे ।
    चर्चाकार
    "ज्ञान द्रष्टा - Best Hindi Motivational Blog

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  2. बहुत ही सुन्दर.....लाजवाब....
    शिखरों तक जा पहुंची आज तो
    कल तक जो दीन रही लड़की।
    वाह वाह...

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  3. भावनापूर्ण अभिव्यक्ति। सुंदर
    मेरी"आगामी रचनायें" आपका स्वागत करतीं हैं, "एकलव्य"

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  4. बहुत ही सुन्दर.....लाजवाब....
    शिखरों तक जा पहुंची आज तो
    कल तक जो दीन रही लड़की।
    वाह वाह...

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